ख्रीष्टीय लोगों का सृष्टी के बारे में विश्वास।
कई वर्षों से लोग सोचते चले आ रहे हैं कि संसार को किसने बनाया है, लोग संसार के बारे में अलग-अलग विचारों को बताते हैं। कुछ लोग बिग बैंग थ्योरी (समुद्र में बड़ा धमाका हुआ और संसार की उत्पत्ति हो गई) पर विश्वास करते हैं तथा कुछ लोग अन्य काल्पनिक बातों पर विश्वास करते हैं, लेकिन बाइबल का परमेश्वर सृष्टि के बारें में ऐसे सत्य को बताता है जो कि वास्तविक तथा सत्य है…..बाइबल का परमेश्वर बहुत ही अद्भुत तथा आश्चर्यजनक है। जिसने कुछ नहीं से सब कुछ को बनाया है, परमेश्वर ने केवल बोला और सृष्टि हो गई, न केवल इतना ही, लेकिन सृष्टि का सिद्धान्त इस बात को बताता है कि केवल परमेश्वर ही है जो अनन्त काल से है, वह स्वयं सृष्टिकर्ता है जिसने सब वस्तुओं को बनाया है। परमेश्वर को किसी ने नही बनाया है, लेकिन परमेश्वर के द्वारा ही सब वस्तुओं की सृष्टि हुई है- चाहे वे सदृश्य हो या अदृश्य (कुलु. 1:15-16)। कुछ भी परमेश्वर से अलग नही है लेकिन सब कुछ उसी पर निर्भर है तथा सब कुछ उसकी महिमा के लिए है।
केवल बाइबल के परमेश्वर ने, कुछ नहीं से सृष्टि को बनाया है।
हम बाइबल के प्रथम दो अध्यायों में देखते हैं कि परमेश्वर ने संसार की सृष्टि की। हम उत्पत्ति 1:1 में देखते हैं कि जब संसार मे कुछ नहीं था (लेकिन परमेश्वर पहले से है), उसने कुछ नहीं से सब कुछ को बनाया। इसीलिए हम देखते हैं कि परमेश्वर के बनाने का कार्य हम मनुष्यों से बहुत अलग है। जब हम किसी वस्तु को बनाते हैं तो हमें पहले से उपस्थित किसी वस्तु की आवश्यकता होती है हम किसी वस्तु को बिना दूसरी वस्तु के नहीं बना सकते हैं लेकिन जब परमेश्वर ने सृष्टि को बनाया उसने पहले से उपस्थित किसी वस्तु का उपयोग नहीं किया। हम बाइबल में इब्रानियों 11:3 पद में देखते हैं कि- विश्वास ही से हम जानते हैं कि परमेश्वर के वचन के द्वारा(परमेश्वर ने बोला) समस्त सृष्टि की रचना ऐसी की गई कि- जो कुछ देखने में आता है, वह दिखाई देने वाली वस्तुओं से नहीं बनाया गया है। केवल परमेश्वर ही सब वस्तुओं को अस्तित्व में लाता है, जो पहले से अस्तित्व में नहीं है। हम वचन में देखते हैं कि परमेश्वर ने 6 दिन में आकाश और पृथ्वी की सृष्टि की, परमेश्वर की सभी सृजित वस्तुओं में, उसने मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया कि वह उसका प्रतिनिधित्व करे (उत्पत्ति1:26,27)।
केवल बाइबल का परमेश्वर ही सब वस्तुओं का स्रोत तथा उस पर नियंत्रण रखने वाला है।
बाइबल का परमेश्वर सृष्टी के बनाये जाने से पहले ही अस्तित्व में है, वह ही है- जो सभी वस्तुओं का स्रोत है, और सम्पूर्ण सृष्टी पर नियन्त्रण रखता है तथा सब वस्तुएँ उसके अधीन में हैं। इसलिए हम मनुष्यों का अस्तित्व भी परमेश्वर के कारण है। हम बाइबल में प्रेरितों के काम 17:28 में देखते हैं कि परमेश्वर में हम जीवित रहते और चलते फिरते और अस्तित्व रखते हैं। हम देखते हैं कि सृष्टि में प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर के अधीन में है तथा केवल और केवल परमेश्वर पर निर्भर है, क्योंकि वह सबको सम्भालता है। हम संसार में परमेश्वर से स्वतन्त्र नहीं हैं, हम परमेश्वर के द्वारा तथा परमेश्वर की महिमा के लिए रचे गए हैं।
केवल बाइबल के परमेश्वर ने अपनी महिमा के लिए सृष्टि की रचना की है।
परमेश्वर ने संसार को अपनी महिमा के लिए बनाया है। हम उत्पत्ति 1:27-28 पद में देखते हैं कि परमेश्वर ने विशेषकर मनुष्य को अपने स्वरूप में बनाया तथा उन्हें आशीष दी कि- फूलों- फलों और पृथ्वी में भर जाओ। परमेश्वर ने मनुष्य को अपने अधीन में रहने के लिए तथा अपनी आज्ञा मानने के लिए कहा था लेकिन हम उत्पत्ति अध्याय-3 में देखते हैं कि मनुष्य ने परमेश्वर की आज्ञा नहीं मानी, लेकिन उसने शैतान की आज्ञा का पालन किया जिससे मनुष्य ने परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन किया और उसने अपनी महिमा करने की कोशिश की। मनुष्य ने परमेश्वर के विरोध में पाप किया, लेकिन हम देखते हैं कि बाइबल का परमेश्वर प्रेमी तथा दयालु है वह मनुष्य को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्रिय-पुत्र को भेजने की प्रतिज्ञा करता है (उत्पत्ति 3:15) क्योंकि मनुष्य स्वयं के कार्यों के द्वारा परमेश्वर के पास नहीं जा सकता है, और न ही वह अपने आप को नरक से बचा सकता है क्योंकि पाप की मज़दूरी मृत्यु है (रोमियों6:23)। मनुष्य केवल और केवल उसके पुत्र मसीह यीशु में विश्वास के द्वारा, परमेश्वर के प्रकोप तथा न्याय से बच सकता है (रोमियों 6:13b)।
इसलिए हम नये नियम में देखते है कि परमेश्वर ने अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार यीशु मसीह को इस संसार में भेजा, कि मनुष्य यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा अपने पापों से बचाए जाए तथा वे केवल परमेश्वर की महिमा करें और उसके अधीन रहे। हम बाइबल में यूहन्ना रचित सुसमाचार 1:14 में देखते हैं कि परमेश्वर स्वयं यीशु मसीह में देहधारी हुआ। परमेश्वर ने अपने प्रबंध के उद्देश्य से समयों के पूरे होने पर, उसने सब-कुछ, जो परमेश्वर की महिमा तथा मनुष्य के उद्धार के लिए आवश्यक है, उसने मसीह यीशु में एकत्रित किया (इफिसियों 1:10)। यीशु मसीह ने हम सब मनुष्यों के लिए सिद्ध जीवन जीया, मारा गया, गाड़ा गया तथा सबसे बड़ी बात कि- वह हमारे उद्धार तथा आशा के लिए तीसरे दिन मृतकों में से जी उठा।
इसलिए हमें अपने पापों से तथा परमेश्वर के प्रकोप से बचने के लिए यीशु मसीह की आवश्यकता है कि हम ख्रीष्ट यीशु में विश्वास करें तथा परमेश्वर की महिमा के लिए अपने जीवन को जीएं क्योंकि ख्रीष्ट फिर महिमा के साथ, इस संसार में अपने लोगों को लेने के लिए आएगा और उन्हें अनन्त जीवन मिलेगा तथा केवल वे परमेश्वर की महिमा करेंगे। मसीहियों के लिए यह अनंत आशा है। यदि हम परमेश्वर के पास आना चाहते हैं, उसकी महिमा करना चाहते हैं तथा अपने पापों के दण्ड से बचना चाहते हैं तो हमें यीशु मसीह में विश्वास करना आवश्यक है, अन्यथा हम अपने पापों में मरेंगे तथा अनन्तकाल तक अग्नि में जलते रहेंगे।
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