परमेश्वर का स्व:अस्तित्व।
परमेश्वर के स्व:अस्तित्व का क्या अर्थ है?
परमेश्वर के स्व:अस्तित्व का अर्थ है कि- परमेश्वर स्वयं में पर्याप्त है, उसको किसी की भी आवश्यकता नही हैं। परमेश्वर से ही सभी का स्रोत है, उससे ही सभी वस्तुओं की उत्पत्ति हुई है, वह ही सभी वस्तुओं तथा संसार को संभालता है। वह पहले से ही अस्तित्व में है।
बाइबल पर आधारित तथ्य - परमेश्वर स्वयं में काफी है। वह ही आरंभ से है, वह पहले से स्व:अस्तित्व में है। हम यशायाह उसके 46:9 में देखते हैं कि- परमेश्वर आरंभ से है। लेखक कहता है कि केवल वह ही परमेश्वर है उसके तुल्य कोई नहीं है। हम प्रेरितों के काम 17:24-30 में देखते हैं कि- परमेश्वर जिसने जगत तथा सब वस्तुओं को बनाया, वही स्वर्ग और पृथ्वी का प्रभु है, वह हाथ के बनाए हुए मंदिरो में वास नहीं करता है। परमेश्वर ने ही सब वस्तुओं के होने तथा उनकी समय सीमा को निर्धारित किया है। परमेश्वर को रहने के लिए किसी भी जगह या स्थान की आवश्यकता नहीं है।
परमेश्वर के सिद्धांत के लिए इसके महत्व को प्रदर्शित करना- परमेश्वर सब वस्तुओं का सृष्टीकर्ता है। वह संसार का स्वामी है इसलिए उसकी प्रभुता सब पर है, वह सब के ऊपर है। हम कुलुस्सियों के अनुसार देखते हैं कि परमेश्वर अपनी इच्छा से यीशु मसीह के द्वारा संसार की सृष्टी करते हैं, यीशु मसीह स्वयं परमेश्वर में स्व:अस्तित्व में है। परमेश्वर बदलता नहीं है, वह भूतकाल, वर्तमान तथा भविष्य सभी समय के बारे में जानता है। परमेश्वर संसार की सभी वस्तुओं का अधिकारी है (चाहे वह स्वर्ग हो या पृथ्वी)। हम देखते हैं कि परमेश्वर की कोई शुरूआत नहीं है। वह संसार के बनाये जाने से पहले ही अस्तित्व में है। ये बातें प्रदर्शित करती है कि परमेश्वर का स्व:अस्तित्व में होना अनिवार्य है तभी ये बातें उसमें है।
यह सिद्धांत कलीसिया के लिए कैसे उपयोगी है- यह सिद्धांत कलीसिया को उसकी आवश्यकता को समझने में मदद करता है। संसार पूर्ण रूप से परमेश्वर पर निर्भर है। लेकिन परमेश्वर संसार पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं है। परमेश्वर अपने स्व:अस्तित्व गुण के कारण ही लोगों को बचाने में सक्षम है, परमेश्वर अपने लोगों को मसीह में उनके पापों से छुड़ाता है, इसलिए नहीं कि उसको लोगों को पापों से बचाए जाने की आवश्यकता है लेकिन वह अपने अनुग्रह में विश्वासियों को उनके पापों से बचाता है। उसे हमारी आवश्यकता नहीं है लेकिन वह हमारे उद्धार के लिए हमें छुड़ाता है। परमेश्वर अपने प्रेम को हमारे प्रति दिखाता है। हम रोमियों 5:8 में देखते हैं कि जब हम पापी ही थे, यीशु मसीह हमारे लिए मरा। इसलिए विश्वासियों को केवल परमेश्वर पर निर्भर होना है।
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